Shodashi Things To Know Before You Buy

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कस्तूरीपङ्कभास्वद्गलचलदमलस्थूलमुक्तावलीका

नवयौवनशोभाढ्यां वन्दे त्रिपुरसुन्दरीम् ॥९॥

The Mahavidya Shodashi Mantra aids in meditation, maximizing internal calm and aim. Chanting this mantra fosters a deep feeling of tranquility, enabling devotees to enter a meditative state and connect with their interior selves. This gain improves spiritual awareness and mindfulness.

वन्दे तामहमक्षय्यां क्षकाराक्षररूपिणीम् ।

ह्रीं ह स क ल ह्रीं ह स क ह ल ह्रीं स क ल ह्रीं

शैलाधिराजतनयां शङ्करप्रियवल्लभाम् ।

षोडशी महाविद्या प्रत्येक प्रकार की मनोकामनाओं को पूर्ण करने में समर्थ हैं। मुख्यतः सुंदरता तथा यौवन से घनिष्ठ सम्बन्ध होने के परिणामस्वरूप मोहित कार्य और यौवन स्थाई रखने हेतु इनकी साधना अति उत्तम मानी जाती हैं। त्रिपुर सुंदरी महाविद्या संपत्ति, समृद्धि दात्री, “श्री शक्ति” के नाम से भी जानी जाती है। इन्हीं देवी की आराधना कर कमला नाम से विख्यात दसवीं महाविद्या धन, सुख तथा समृद्धि की देवी महालक्ष्मी है। षोडशी देवी का घनिष्ठ सम्बन्ध अलौकिक शक्तियों से हैं जोकि समस्त प्रकार की दिव्य, अलौकिक तंत्र तथा मंत्र शक्तियों की देवी अधिष्ठात्री मानी जाती हैं। तंत्रो में उल्लेखित मारण, मोहन, वशीकरण, उच्चाटन, स्तम्भन इत्यादि जादुई शक्ति षोडशी देवी की कृपा के बिना पूर्ण नहीं होती हैं।- षोडशी महाविद्या

Chanting the Mahavidya Shodashi Mantra creates a spiritual protect close to devotees, protecting them from negativity and hazardous influences. This mantra functions as being a source of defense, helping individuals manage a optimistic ecosystem totally free from mental and spiritual disturbances.

Her story features famous battles towards evil forces, emphasizing the triumph of excellent above evil and also the spiritual journey from ignorance to enlightenment.

She's also referred to as Tripura simply because all her hymns and mantras have three clusters of letters. Bhagwan Shiv is considered to get her consort.

श्री-चक्रं शरणं व्रजामि सततं सर्वेष्ट-सिद्धि-प्रदम् ॥७॥

Her position transcends the mere granting of worldly pleasures and extends to your purification of your soul, leading to spiritual enlightenment.

वन्दे वाग्देवतां ध्यात्वा देवीं त्रिपुरसुन्दरीम् ॥१॥

यह साधना करने वाला व्यक्ति स्वयं कामदेव के समान हो जाता है और वह साधारण व्यक्ति न रहकर लक्ष्मीवान्, पुत्रवान व स्त्रीप्रिय होता है। उसे वशीकरण की विशेष शक्ति प्राप्त होती है, उसके अंदर एक विशेष आत्मशक्ति का विकास होता है और उसके जीवन के पाप read more शान्त होते है। जिस प्रकार अग्नि में कपूर तत्काल भस्म हो जाता है, उसी प्रकार महात्रिपुर सुन्दरी की साधना करने से व्यक्ति के पापों का क्षय हो जाता है, वाणी की सिद्धि प्राप्त होती है और उसे समस्त शक्तियों के स्वामी की स्थिति प्राप्त होती है और व्यक्ति इस जीवन में ही मनुष्यत्व से देवत्व की ओर परिवर्तित होने की प्रक्रिया प्रारम्भ कर लेता है।

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